१ जुलाई २०२१ – राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतरंज खेलने वाले खिलाडी उनके स्कूली दिनों से दिन में २ से ४ घंटे खेल का अभ्यास करते हैं।
और किसी भी अन्य क्षेत्र, खेल, कला, विज्ञान, हर क्षेत्र में यही असल जरूरत होगी। कल्पना करिये की एक ही स्कुल एक क्रिकेटर, वैज्ञानिक, गायक, अभिनेता, पुलिस अफसर को इस तरह का अभ्यास एक ही साथ कैसे दे पायेगा? इसलिए हमारा सपना है की एक शहर स्कुल बन जाए, जहां हर एक छात्र को उसकी इच्छा के नुसार ऐसी जगह वक्त बिताने और सीखने का पूरा समय मिले जहां उसके पसंद की चीज होती हो। हमारे शिक्षा-साथी उनके शुरुवाती प्रशिक्षण के दौरान नागपुर स्थित हमारी सहयोगी संस्था से परिचित किये जाते हैं, जो अलग अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं। प्रयास यह है की इस पहचान से ऐसे सहयोगी प्रकल्प हम साथ में शुरू कर पाएं जिससे हमारे सलंग्न स्कुल के छात्रों को अपनी पसंद की जगहों पर समय बिताने का मौका मिले। १ जुलाई को हमें Makxenia के काम को समझने का मौका मिला जो हमारे मित्र दिक्षा खरे और मनीष मौर्या चलाते हैं। Makxenia एक रोबोटिक्स कंपनी है जो भारत में गुणवत्तापूर्ण रोबोटिक्स उत्पाद करना तथा इंजिनीरिंग के छात्रों को सक्षम, अनुभव आधारित शिक्षा मिले इसलिए काम करते हैं।
1 July 2021 – Players playing chess at national and international level practice the game for 2 to 4 hours a day from their school days itself. And in any other field, sports, art, science, in any field, this will be the real need. Imagine how the same school would be able to give such exercise to a cricketer, scientist, singer, actor, police officer at the same time? That’s why our dream is that a whole city should become a school, where every student gets to spend most of their time and learn according to their wish in a place where they have the things of their choice. Our fellows are introduced during their initial training with our partner organizations located in Nagpur which are working in different fields. The expectation is that with this introduction, a possibility of some collaborative projects is created which will help the students of our partner schools to get opportunities to spend time at places of their choice. On 1st July we got a chance to understand the work of Makxenia which is run by our friends Diksha Khare and Manish Maurya. Makxenia is a robotics company that works in India to produce quality robotics products and provide engineering students with effective experiential learning opportunities.
२ जुलाई २०२१ – Alag Angle की टीम के साथ Learning Companions का दरबार!
दरबार ऐसी जगह जहां पर सभी को अपनी कलाएं सभी के सामने प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। साथ ही में इस बहाने Learning Companions और Alag Angle की टीम को अपने रिश्ते और गहरे बनाने का मौका मिला।
2 July 2021 – Learning Companions’ Durbar with the Alag Angle team! Durbar is a place where everyone gets a chance to present their talents and interests in front of everyone. Also, on this occasion, the team of Learning Companions and Alag Angle got a chance to deepen their relationship.
३ जुलाई २०२१ – बच्चे दो साल से स्कुल से दूर हैं।
और अभी कुछ और समय बच्चों को स्कुल में लाना संभव नहीं हैं। इसलिए हम बच्चों को उनके अपने परिवार और समुदाय की जगह में शिक्षा से जुड़े रहने के मौके तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। असोला गवलीटोला बस्ती के छात्र पढ़ाई करते हुए!
July 3, 2021 – Children have been out of school for two years. And for some more time it is not possible to bring them to school. That’s why we are trying to create opportunities for children to be involved in education within their own space, with their families and communities. Students of Asola Gawlitola hamlet studying!
३ जुलाई २०२१ – रामजी जोगराना, प्रमोद कालबांडे और अन्य
सहयोगी संस्थाओं का सातत्यपूर्ण प्रयास और Learning Companions के सोनखांब में भरवाड़ बच्चों के लिए स्कूल चलाने के दो साल के अनुभव के बाद पुरे भरवाड़ समुदाय में एक भावना निर्माण हो रही है की हर जगह पर अपने बच्चे पढ़ाई पा सकते हैं और यह आवश्यक है। महाराष्ट्र व्यापी शिक्षा यात्रा की संकल्पना को अपना साथ जताते हुए महाराष्ट्र में नागपुर, पुणे, नाशिक, सोलापुर, अमरावती, मुंबई, लातूर और धुलिया से तथा गुजरात में भरूच, राजकोट और अमदाबाद से भरवाड़ समाज के प्रतिनिधि तथा अन्य सामाजिक संस्था और कार्यकर्ताओं ने साथ में आकर शिक्षा के ऊपर बातचीत और अगले कुछ उपक्रमों का नियोजन किया।
3 July 2021 – Continuing efforts of Mr. Ramji Jograna, Pramod Kalbande and other collaborators and after two years of Learning Companions’ experience of running a school for Bharwad children in Sonkhamb, there is a feeling growing in the entire Bharwad community that everywhere their children can get education and it is necessary. Expressing their support for the concept of Maharashtra-wide ‘Shiksha Jagar Yatra’ (Education awareness tour), representatives of Bharwad community and other social organizations and activists from Nagpur, Pune, Nashik, Solapur, Amravati, Mumbai, Latur and Dhulia in Maharashtra and Bharuch, Rajkot and Ahmedabad in Gujarat came together to talk about education and planned a few next steps.
पिपला (भदी) – बच्चों से बातचीत, आरोग्य जागृति और पढ़ाई; Pipla (Bhadi) – Interaction with children, health awareness and study.
१२ जुलाई २०२१ – पिपला (भदी); 12 July 2021 – Pipla (Bhadi)
१२ जुलाई २०२१ – असोला गवली टोला; 12 July 2021 – Asola (Gawli Tola)
१५ जुलाई २०२१ – पालक सभा – सोनखांब; 15 July 2021 – Parents meeting – Sonkhamb
२० जुलाई २०२१ – हमारी सहयोगी संस्था एकलव्य के संस्थापक संचालक, तथा हमारे मित्र श्री राजू केंद्रे
इन्हें शिक्षा जगत में प्रतिष्ठित Chevening Scholarship मिली। इस मौके पर राजू ने हमारे शिक्षा-साथियों के साथ बातचीत की। राजू को आगे के सफर के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं!
July 20, 2021 – The founder director of our partner organization Eklavya, and our friend Mr. Raju Kendra have received the prestigious Chevening Scholarship. On this occasion, Raju interacted with our fellows. Wishing Raju all the very best for the journey ahead!
२२ जुलाई २०२१ – सोनखांब; 22 July 2021 – Sonkhamb
२३ जुलाई २०२१ – TFIx-Teach for India से हमारी मेंटर राजश्री दोशी जी
ने महाराष्ट्र में शिक्षा के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने मिलकर साथ में काम करने के लिए एक बातचीत की पहल की। उम्मीद है की आने वाले समय में हम साथ में मिलकर शिक्षा में कुछ अर्थपूर्ण योगदान देने के लिए काम कर पाएंगे।
23 July 2021 – Rajshree Doshi, our mentor from TFIx-Teach for India, initiated a dialogue with organizations working for education in Maharashtra to work together. Hopefully, in the coming times, we will be able to work together to make some meaningful contribution to education.
२५ जुलाई २०२१ – कुही फाटा; 25 July 2021 – Kuhi Fata
२५ जुलाई २०२१ – हमारे शिक्षा-साथी वृषभ ने बताया,
“पिछले तीन हफ्तों से हम सोनखांब में एक प्रयोग कर रहे हैं। किताबों को बिलकुल खुली जगह में रखा है और सभी बच्चों ने खुद किताबें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी ली है। कोई भी, कभी भी आकर कोई किताब पढ़ सकता है और फिर जगह पर रखेगा। ६ से १४ साल के बच्चे जो अपनी नोटबुक-पेन १-२ दिन संभाल नहीं सकते थे उन्होंने इतनी जिम्मेदारी दिखाना हमारे लिए बहुत ज्यादा आश्चर्यजनक और खुश करने वाली बात है। उम्मीद है की बच्चे इसी तरह उनके अध्यापक/शिक्षा-साथी का विश्वास बनाए रखें!
July 25, 2021 – Our fellow, Vrushabh, told us, “For the past three weeks we have been doing an experiment in Sonkhamb. The books are kept in an open space and all the children themselves have taken the responsibility of keeping the books safe. Anyone can come anytime, read the books and then keep them in place. Children of 6 to 14 years old who could not take care of their own notebooks/pens for a day, showing so much responsibility was pleasantly surprising for us. We hope that the children would continue to maintain the trust of their teachers/facilitators in the same way for times to come!
२९ जुलाई २०२१ – कुही फाटा से हमारे शिक्षा-साथी धनराज ने बताया,
“आज समुदाय से तीन दीदी लोग हमारे पास आए और कहा की वह भी बच्चों को पढ़ाने में हमारी मदद करना चाहती है।” यह दीदी लोग पहले से यहाँ पर रहती आयी हैं। लेकिन दो-तीन हफ्ते से हमारे शिक्षा-साथी कर रहे गतिविधियों को देखकर उनका आज यह पहल करने का मन हुआ। हम इसी उम्मीद से समुदाय में काम कर रहे हैं की यहाँ के बच्चे, माता-पिता, समुदाय तथा स्कुल बच्चों की शिक्षा के लिए स्वावलंबी बने। जिससे किसी बाहरी संस्था को आकर काम करने जरूरत नहीं होगी।
29 July 2021 – Dhanraj, our fellow from Kuhi Phata said, “Today three didis from the community came to us and said that they too want to help us in teaching the children.” These didis have already been living here, but seeing the activities our education partners are doing for two-three weeks, they felt like taking this initiative today. We are working in the community with the same hope that the children, parents, community and schools here become self-reliant for the education of the children. So that there will be no need for any outsider organization to come and work.
Our supporters
AVART, Nagpur
Very nice work
Narayangaav pune
All stories are inspiring, it gives positive vibes and possibilities that dream comes true.