मैं रेखा घुगल, मध्यप्रदेश पारडसिंगा से हूँ। बारवी के बाद क्या करे ये समझ नहीं आ रहा था। तभी मेरे गांव की जिल्हा परिषद् स्कूल के साथ काम करने के लिए एक शिक्षा साथी की जरुरत थी। इसकी जानकारी मुझे मिली और मेरा शिक्षा साथी के तौर पर काम करने के लिए चयन हो गया। तभी से मैं पारडसिंगा के जिल्हा परिषद् स्कूल में शिक्षा साथी के रूप में मदत कर रही हूं। यह काम ग्रामआर्ट और लर्निग कंपॅनिअन्स के हम साथी साथ में मिलकर कर रहे हैं। मेरा खुद में विकास हो सके और जिन बच्चो को में पढ़ा रही हूं, उनको अच्छे से पढ़ा सकू इसलिए मैं लर्निग कंपॅनिअन्स फेलोशिप से जुडी हुई हूं।
मैं शुरुवात में बच्चों को जब पढ़ाती थी तो मुझे बहोत सारे प्रश्न आते थे। बच्चों को कैसे पढ़ाया जाये, उनके साथ कैसे अच्छे से बातचित करे, ऐसे अनेक प्रश्न मेरे दिमाग में आते थे। मैंने फेलोशिप के एक महीने की ट्रेनिंग में हिस्सा लिया। उस एक महीने के ट्रेनिंग से मेरा बच्चो को पढ़ाने का आत्मविश्वास बढ़ा। लर्निंग कंपॅनिअन्स फेलोशिप से जुड़े होने के कारण, मेरा बच्चों को पढ़ाने का तरीका और उनसे सम्बंधित मेरा स्वयं के विकसित होने का समाधान हर एक मोड़ पर मुझे मिल रहा है। खुद में एक बदलाव नजर आ रहा है। मुझे आने वाले हर एक प्रश्न का सवाल खोजने में खुद को समर्थ महसूस करती हूं। बच्चों को पढ़ाते – पढ़ाते में बहोत से कौशल्य खुद में विकसित कर रही हूं।
Learning Companions Fellowship 2024 की चयन प्रक्रिया जारी है.
आज ही apply करें!
पंजीकरण फॉर्म: https://forms.gle/fQvPs3jzLiuyc4bW6
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