मैं जनक सभाड, बोथली मैं रहती हूँ। मैं B.com द्वितीय वर्ष में पढ़ाई कर रही हूँ।
मेरे शादी के बाद मैं जब मेरे परिवार के बच्चों को देखती थी की उनको शिक्षा के प्रती कोई जागरूकता नहीं है। वो स्कूल जाते हैं लेकीन शिक्षा में लगावं नहीं हैं। लगभग कोई भी बच्चा पढ़ भी नहीं पाता था। तभी मैंने परिवार में बड़ों से बात कर के बच्चों को रोज एक घंटा पढ़ाना शुरू किया।
कुछ दिन बाद मेरी बडी बहण हसू दीदी ने मेरा पढ़ाई के प्रति लगाव देख कर मुझे Learning Companions के काम के बारे मैं बताया और Learning Companions में गणेश भैया से भी बात कर ली। Learning Companions द्वारा अगले कुछ महीनों में हमारे यहाँ नया लर्निंग सेंटर शुरू किया गया और मुझे छोटे बच्चों को पढ़ाने का काम मिला।
इस फेलोशिप में आकर मैंने कई सारी स्किल सीखे। कम्युनिकेशन, प्रेजेंटेशन करना और बच्चों को पढ़ने के लिए एक टीचर में जो स्किल होनी चाहिए वह डेवलप करने में मुझे मदद मिली। फेलोशिप में आने से पहले मेरा मानना था कि की 6 साल से कम उम्र के बच्चे पढ़ाई नहीं कर सकते। या उन्हें कुछ सिखाया नहीं जा सकता। पर यह मेरा मानना गलत था यह मुझे समझ में आया। इस फेलोशिप में मैंने सीखा की कोऑर्डिनेशन से काम करना कितना जरूरी है। सभी लोगों के विचार समान नहीं होते हैं। सभी विचारों को साथ लेकर चलना पड़ता है।
Learning Companions Fellowship 2024 की चयन प्रक्रिया जारी है.
आज ही apply करें!
पंजीकरण फॉर्म: https://forms.gle/fQvPs3jzLiuyc4bW6
आवेदन फॉर्म: https://forms.gle/Gn8q3Me2u1PoSK5Y6
बहुत अच्छा लगता पढ के
mujhe sabhi stories janke bhut hi acha laga inka experience bhi kafi thik hai