यह साँझा करते हुए बेहद ख़ुशी होती है की Learning Companions और UPAY नागपुर में बेघर बच्चों की शिक्षा के लिए हाथ मिला रहे हैं। हमारे २ फेलो उपाय के वर्धमान नगर Day Boarding Centre पर बच्चों के साथ मिलकर शिक्षा पर काम करेंगे।
हमारे नए fellows में अपने आने वाले सफर के प्रति बड़ा उत्साह दिखाई दिया। पिछले महीने भर में शिक्षा के प्रति उनकी जो भी समझ बनी है उसका उपयोग करके बच्चों एवं भरवाड समुदाय के साथ काम करने के लिए वह तैयार हैं।
Learning companions पिछले 3 वर्षों से भरवाड समुदाय के साथ काम कर रही है। इस काम को देखते हुए उमरेड तालुका के फुकेश्वर के करीब स्थित भरवाड समुदाय के लोगों ने उनके बच्चों की शिक्षा के लिए हम से आग्रह किया। यहां की शैक्षणिक स्थिति को देखते हुए learning companions ने इसे अपना नया लर्निंग सेंटर बनाने का निर्णय लिया। हमारे दोनों ही नए फेलो अपनी fellowship की शुरुआत यहां से करेंगे।
समुदाय में बच्चों की शिक्षा के प्रति समझ बड़े और इस समय पर बच्चों की शैक्षणिक स्थिति के बारे में जागरूकता फैले, इसलिए यह चर्चा आयोजित की गई थी। इस चर्चा में वहां के ग्राम पंचायत सदस्य भी शामिल थे। उन्होंने भी वहा अपनी बात रखी। साथ ही लोगों ने भी अपने मत साँझा किए। इस चर्चा का असर ये रहा की समुदाय ने आगे बढ़कर स्कुल की स्थिति को लेकर खुद ग्रामपंचायत को पत्र लिखा, स्कुल में भेंट दी और स्कुल में बदलाव के लिए काम करना तय किया।
२६ जुलाई २०२२ – सोनखांब – Learning companions के सोनखांब learning center में हमारे fellows और हमारे बच्चों द्वारा इस नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत स्कूल के प्रांगण में पेड़ लगाने से की गई। साथ ही हमारे fellows ने बच्चों के साथ पर्यावरण और पेड़ों के महत्व पर भी चर्चा की।
२६ जुलाई २०२२ – पिपला (भदी) – हमारे पिपला (भदी) सेंटर के फेलो कल्याणी और मोनाली ने पाया की
स्कुल में जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई में एक बड़ी रूकावट है दो समुदाय के बच्चों ने एक साथ रह न पाना। उन्होंने यह देखा तो तय किया की वे पहले इस चित्र को बदलने पर जोर देंगे। अब लगभग तीन हफ्ते बाद बच्चे बहुत अच्छे से पहल को प्रतिसाद दे रहे हैं और बच्चों में अंतर मिटता हुआ दिख रहा है!
बच्चों की पढ़ाई में उनका योगदान तथा हमारी पद्धति से उनको अवगत कराना यह इस चर्चा का उद्देश्य था। तथा एक उद्देश्य यह भी था कि हमारे इस नए सत्र से पहले उनसे बातचीत कर उनको भी आने वाले सत्र के लिए तैयार करना।